
अम्बाह। हिंदी सप्ताह के अंतर्गत माखन दास एकेडमी में अंबरीष साहित्य सभा के साहित्यकारों का सम्मान एवं काव्य गोष्ठी संपन्न हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता हनुमान प्रसाद शर्मा एवं संचालन डॉ शशि वल्लव शर्मा सहायक प्राध्यापक पीजी कॉलेज अंबाह ने किया।
गोष्ठी का शुभारंभ में डॉ. शशिवल्लभ शर्मा ने माँ शारदे की वन्दना इन पंक्तियों के साथ प्रस्तुत की-
माँ शारदे सुन आज मेरी मैं खड़ा हूँ द्वार पे
तू थाम ले कर आज मेरा हूं बिना आधार पे
आकर शरण तेरी पुकारू डूबता भव धार पे
न शब्द हैं न शिल्प हैं न भाव है रसधार पे।।
तदुपरान्त कवि दिनेश सेंगर ने हिंदी भाषा को अपनी आन वान शान औऱ सँस्कृति बताते हुए काव्य पाठ किया।
सुनहरे प्रेम के नव पंथ का पैगाम है हिन्दी
तेरी मेरी मोहब्बत का मुकम्मल जाम है हिन्दी।
चलो हिन्दी से मिलकर प्रेम का हम व्याकरण सीखें
कलम की साधना के मार्ग का एक नाम है हिन्दी।।
इसी क्रम में कवि सहदेव सिंह तोमर, हरिओम शर्मा, रामनिवास उपाध्याय, मनवीर सिंह तोमर, डॉ. आकाश शर्मा व बाल कवयित्री पलक शुक्ला द्वारा हिंदी भाषा की महिमा में अपनी अपनी कविताओं का पाठ किया।
तदुपरान्त गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे हनुमान प्रसाद शर्मा ने
हिंदी आज भाषा ही नहीं,अपितु सेतु कहलाती है।
जो देश के हर मानस को, हर मानस से मिलाती है
सच पूछो तो हिंद की पहचान, हिंदी ही करातीहै।
काव्य पाठ के उपरांत मखनदास एकेडमी के संचालन प्रदीप शुक्ला में उपस्थित सभी साहित्यकारों का माल्यार्पण कर सम्मान किया और सभी को स्मृति चिह्न प्रदान किया।
इस अवसर पर एडवोकेट महीपत सिंह गुर्जर, जगदीश सिंहः तोमर, ब्रजकिशोर कुशवाह, वंश शुक्ला सहित गणमान्य नागरिक श्रोता के रूप में उपस्थित रहे।