
अम्बाह। अम्बाह स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा 23 सितम्बर गुरुवार को ‘राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी’ की जयंती के अवसर पर विभाग में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. शशिवल्लभ शर्मा ने दिनकर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की ओज पूर्ण कविताएँ स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों के विरुद्ध जन – जन में देशभक्ति की भावना जागृत करने से लेकर तानाशाही मानसिकता के विरुद्ध प्रमुख स्वर बनी। ये स्वतंत्रता से पूर्व एक विद्रोही कवि एवं स्वतंत्रता के पश्चात राष्ट्रकवि के रूप में विख्यात हुए। रश्मिरथी, उर्वसी, संस्कृति के चार अध्याय आदि हिंदी साहित्य की अमर कृति हैं। इस अवसर पर डॉ. पूर्णिमा अग्रवाल, डॉ. अभिलाषा श्रीवास्तव व छात्राओं में राधा शर्मा, राखी तोमर, काजल,, शैलजा आदि उपस्थित रहीं।
“जिनके सिंहनाद से धरती रही अभी तक डोल,
कलम आज उनकी जय बोल। “