श्री कृष्ण और रुकमणी के विवाह के साथ भागवत का समापन
संजीव शर्मा RB न्यूज़ भिंड
भिण्ड।ग्राम कुरथरा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवे दिन भगवान श्री कृष्ण के महारास एवं रुकमणी का विवाह संपन्न हुआ। कथा व्यास श्री रामभूषण दास जी ने कहा, वास्तविकता मै ये गोपियां कौन है जो ऋषि मुनि हजारों वर्ष तक तपश्चर्या और वृम्ह चिंतन करते रहने पर भी मन मैं वसे काम को न मार सके तो उस काम को श्री कृष्णार्पण करने की इच्छा से गोपियों का अवतार लेकर गोकुल मै आ वसे। अतः ईश्वर को काम अर्पण कर निष्कामी वनों। भागवत का उद्देश्य जीव को ईश्वर मय वनाना है और उसकी प्राप्ति करना है। साथ ही आज की कथा मैं रुकमणी विवाह मैं भक्त झूमकर नाचे। कथा वाचक श्री श्री1008 महामंडलेश्वर श्री रामभूषण दास जी महाराज ने बताया कि भागवत कथा सुनने मात्र से मानव जीवन के समस्त पापों का नाश हो जाता है कथा का श्रवण करने ने मनुष्य का ज्ञान भी बढ़ता है