
संगीतमाय मां कनकेश्वरी के प्रवचन को सुनने उमड़ा जनसैलाब
गोहद,,, श्री रघुनाथ जी का मंदिर विजय रामधाम खनेता में संगीतमय भागवत कथा का आज शुभारंभ कथा प्रवक्ता पूज्य मां कनकेश्वरी देवी के प्रवचनओं के साथ प्रारंभ हुआ प्रथम दिन मां कनकेश्वरी ने कथा प्रेमियों को राम कथा का महत्व और गुरु वंदना के प्रारंभ के साथ चौपाइयों के प्रसंग बताते हुए कहीं मां कनकेश्वरी ने कहा कि पहुंच गए, और चल गए ,दोनों में बहुत अंतर है चल गए, मतलब संयोगवश, पहुंच गए यानी ,की तपस्या तप करने के बाद उसी तरह साधु बनना बड़ा आसान है लाल पीले वस्त्र धारण कर लिए कुछ मालाएं डालने साधु बन गए साधु बनना आसान नहीं है साधु बनने के लिए जब तक करना पड़ता है गुरु की वाणी तीर की तरह काम करती है गुरु के मंत्र की साधना की जाए तो तीर कमान की तरह मंत्र काम करता है उन्होंने मंच पर भगवान शंकर गणेश इत्यादि देवताओं के बिना नाम लिए ही सभी से अनुग्रह किया और अपने गुरु की वंदना की माता कनकेश्वरी चौपाइयों के माध्यम से कहा कि

वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि।
मङ्गलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ।।1।।
“बंदउ गुरु पद पदुम परागा।
सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।” संगीतमय कथा के साथ उनके अर्थ को भक्तों गणों को समझाया श्री रघुनाथ जी का मंदिर विजय राम धाम खनेता के महंत महामंडलेश्वर राम भूषण दास महाराज ने मंच के माध्यम से कथा प्रेमियों से कहा कि 10 फरवरी से 16 फरवरी तक यह कथा निरंतर चलेगी इस कथा में संगीतमय कथा के साथ रासलीला का भी आयोजन किया जाएगा इस अवसर पर जिला संघ के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बदन सिंह तोमर दद्दू आर आई विनोद सिंह तोमर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जेष्ठ पुत्र कथा प्रेमी रामू तोमर सहित हजारों की संख्या में भक्तगण विजय राम धाम खनेता के कथा प्रांगण में मौजूद रहे खनेता ग्राम में लगा विशाल मेला भक्त प्रेमियों का आवागमन का बेहतरीन साधन भक्त गड़ों के लिए भोजन आदि की व्यवस्थित व्यवस्था संगीतमय भागवत कथा के रस में रसपान करते श्रद्धालु मानो एक पल के लिए वृंदावन की अनुभूति हो रही है खनेता गांव में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस भगवत कथा के अवसर पर ग्रामीण कहते हैं कि हम विजयराम दास महाराज के बड़े ही कृपा पात्र हैं कि यह रस्म उन्होंने कई वर्ष पहले विजय राम धाम खनेता में प्रारंभ की और प्रतिवर्ष 7 दिन तक यहां लगातार भगवत कथा का संगीतमय कार्यक्रम आयोजित होता है पूरा गांव दीपावली की तरह इस आयोजन में सहभागी बनता है