बाल विवाह को समाज के सहयोग से ही जड़ से समाप्त किया जा सकता है – शिवहरे
गार्डन मालिक, बाराती, पंडित, काजी रसोईया पर होगी कार्रवाई,
जिले में बाल विवाह रोकने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है
मुरैना – बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक कुरीति है, इससे बच्चों के शोषण एवं अधिकारों के उल्लंघन के साथ-साथ समाज के विकास पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। इस कुरीति को समाज के सहयोग से ही जड़ से समाप्त किया जा सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता एंव चाइल्ड लाइन टीम से जुडे श्री नितिन शिवहरे ने मुरैना जिलेवासियों से अपील की है कि बाल विवाह नहीं करें न ही आसपास बाल विवाह होने दें। बाल विवाह करना गैर कानूनी है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम- 2006 के अंतर्गत 21 वर्ष से कम आयु के लडके और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का विवाह प्रतिबंधित है। कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह कराता है, करता है, उसमें सहायता करता है या बाल विवाह को बढ़ावा देता है। उन्हें 2 वर्ष के कठोर कारावास या 1 लाख रूपए तक का अर्थदंड अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।
बाल विवाह रोकने के लिए चाईल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098, या वन स्टॉप सेंटर के कंट्रोल रूम दूरभाष 07532230021 एवं पुलिस 100 डायल पर भी बाल विवाह की सूचना दे सकते है। सूचना देने वाले का नाम और फोन नंबर गुप्त रखा जाता है। एक फोन कॉल बाल विवाह होने से रोक सकता है। इसलिए जिम्मेदार नागरिक बनें और बाल विवाह को रोकने में अपना फर्ज निभाएं।
बाल विवाह कराने वाले पढ़ ले पूरा नियम, गार्डन मालिक से लेकर ये लोग भी पहुंच सकते हैं सलाखों के पीछे
बाल विवाह करने वालों सहित प्रोत्साहित व विवाह में सम्मिलित होने वाले बाराती, सेवा देने वाले जैसे धर्मगुरु, पंडित, काजी, मैरिज गार्डन, टेंट हाउस, कार्ड छापने वाले, हलवाई, ब्यूटी पॉर्लर, घोड़ी वाले, बैंड बाजे वाले, कैटर्स, समाज के मुखिया, सेवाप्रदाता आदि पर बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई हो सकती है।