कृषि विज्ञान व प्रौद्योगिकीः चुनौतियां व संभावनाएं विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का कृषि मंत्री द्वारा शुभारंभ
मुरैना /केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि
परंपरागत कृषि को प्रोफेशल एग्रीकल्चर में बदलने की जरूरत है, जिससे कि किसानों की आमदनी बढ़े, उत्पादन व
उत्पादकता बढ़े, उत्पादों की गुणवत्ता और निर्यात में भी वृद्धि हो तथा सभी संभावनाओं का दोहन किया जा सकें। श्री
तोमर ने यह बात आज कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीः चुनौतियां व संभावनाएं, विषय को लेकर झांसी में
आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए कही।
रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी में हो रहे इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री
श्री तोमर ने कहा कि छात्र-छात्राएं कृषि वैज्ञानिकों के साथ चर्चा करके उनके अनुभवों का लाभ उठाएं और
सिलेबस की पढ़ाई के अलावा गांवों को गोद लेकर व्यवहारिक अनुभव भी हासिल करते हुए प्रयोगधर्मी बनें ताकि देश
में कृषि के समुचित विकास में उनका योगदान हो सकें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों के
साथ ही राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को भी हरसंभव मदद कर रही है। कृषि शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाया जा रहा
है। सरकार ने कृषि क्षेत्र को तकनीक का समर्थन दिया है, वहीं डिजिटल एग्रीकल्चर के लिए मिशन मोड पर काम किया
जा रहा है। इस कार्य में पढ़े-लिखे युवाओं की महती भूमिका है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, दस हजार नए एफपीओ
बनाने तथा डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के पैकेजों के माध्यम से सरकार कृषि क्षेत्र को मजबूती दे रही है।
यह आयोजन अखिल भारतीय कृषि छात्र संघ के तीसरे वार्षिक समारोह के साथ ही रानी लक्ष्मीबाई
केंद्रीय कृषि वि.वि., राष्ट्रीय पर्यावरण विज्ञान अकादमी, भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान झांसी,
केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान झांसी के संयुक्त तत्वावधान एवं बुंदेलखंड वि.वि. झांसी, केंद्रीय आयुर्वेद
संस्थान झांसी, भारतीय कृषि वानिकी समिति, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद् लखनऊ एवं रेंज मैनेजमेंट
सोसायटी के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। उद्घाटन कार्यक्रम में कुलपति डॉ. अरविंद कुमार के अलावा डॉ.
ए. अरूणाचलम, डॉ. मुकेश पाण्डेय, डॉ. अमरेश चन्द्रा सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।