राकेश द्विवेदी की रिपोर्ट
ज्ञापन पर ठोस पहल करते हुए उचित कार्यवाई कराने का विधायक ने व्यापारियों को दिया भरोसा
थानाध्यक्ष धनघटा संतोष तिवारी के खिलाफ कुछ भाजपाईयों के आक्रोश को देखते हुए शुक्रवार को हैंसर कस्बें के व्यापारी थानाध्यक्ष के समर्थन में सड़क पर उतर गए। उसी बीच अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत खलीलावाद विधान सभा क्षेत्र के विधायक दिग्विजय नारायण चतुर्वेदी उर्फ जय चौबे भी हैंसर कस्बें में पहुंच गए तो व्यापारियों ने विधायक श्री चौबे को घेर लिया। व्यापारियों ने विधायक श्री चौबे को बताया कि संतोष कुमार तिवारी जब से बतौर थानाध्यक्ष धनघटा के पद पर तैनात हुए है उसके बाद थाना क्षेत्र के सभी व्यापारी खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे है और सकून से अपने कारोबार को आगे बढ़ा रहे है। व्यापारियों ने विधायक को बताया कि थानाध्यक्ष श्री तिवारी के तैनाती से पूर्व क्षेत्र में आए दिन जगह जगह लूट की घटनाए घटित हो रही थी। कस्बो बाजारों में दबंग और मनबढ़ किस्म के लोग व्यापारियों से अवैध वसूली करने के साथ ही व्यापारियों का उत्पीड़न आए दिन करते रहते थे। कस्बों में दबंगों मनबढ़ों का आतंक व्याप्त था। क्षेत्र में जगह जगह खूनी संघर्ष की घटनाए होती रहती थी लेकिन थानाध्यक्ष की निष्पक्ष कार्यशैली के साथ ही उनके काफी प्रयास के बाद क्षेत्र में शान्ति का महौल बन सका है। लुटेरे और बदमाश क्षेत्र से फरार हो चुके है। सभी प्रकार की अपराधिक घटनाए बंद हो चुकी है और व्यापारी खुद को सुरक्षित महसूस करते हुए सकून से अपने अपने कारोबार को आगे बढ़ाने में जुटे हुए है लेकिन इस बीच सत्तापक्ष से जुड़ें कुछ कार्यकर्ता सत्तापक्ष के ही दूसरे क्षेत्र के एक बड़ें जनप्रतिनिधि के इशारे पर थानाध्यक्ष का विरोध कर उनके स्थान्तरण की मांग कर रहे है। ऐसे लोगों की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए व्यापारियों ने सदर विधायक को बताया कि उक्त लोग क्षेत्र में दुबारा से अराजकता फैलाने की कोशिश में जुटे हुए है। व्यापारियों ने ज्ञापन में थानाध्यक्ष श्री तिवारी को बतौर थानाध्यक्ष धनघटा बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग किया है। विधायक को ज्ञापन देने वाले व्यापारियों में सुशील कुमार अग्रहरी, संदीप अग्रहरी, विरेन्द्र जायसवाल, सुनील पाण्डेय, राकेश अग्रहरी, विशाल कुमार, अभिषेक, भालचन्द, सोनू कुमार चौहान, शिवकुमार अग्रहरी, वेद प्रकाश मोदनवाल, पुरूषोत्तम, विन्दू अग्रहरी, छेदीलाल व केशव प्रसाद समेत तमाम अन्य व्यापारी शामिल रहे।