मध्यप्रदेश में मंत्रालय के सामने 14 साल से होने वाला वंदे मातरम् गायन एक जनवरी को नहीं होने से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी नाराज हो गए हैं। शिवराज ने कहा है कि अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊँगा।शिर्डी के साईं दरबार में नया साल मना रहे शिवराज ने ट्वीट कर कहा है कि वंदे मातरम् सिर्फ़ हमारा राष्ट्रीय गीत ही नहीं परंतु राष्ट्र भक्ति का पर्याय है। वंदे मातरम् ऐसा मंत्र है जिसका उद्घोष करते हुए भारत माता के हज़ारों सपूत हँसते-हँसते फाँसी पर झूल गए थे। वंदे मातरम् ऐसा मंत्र है जिसका उद्घोष करते हुए हज़ारों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने सीने पर अंग्रेज़ों की गोलियाँ खायी थी। इसी मंत्र को जपते-जपते लाखों लोगों ने देश को आज़ाद करने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।मध्यप्रदेश में वंदे मातरम् का गान हर सप्ताह कैबिनेट मीटिंग से पहले सभी मंत्रियों द्वारा किया जाता था और हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में वंदे मातरम् गान में सभी कर्मचारी और अधिकारी गण उपस्थित रहते थे।
वंदे मातरम् के कारण लोगों के हृदय में प्रज्वलित देशभक्ति की भावनाओं में नयी ऊर्जा का संचार होता था। अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की सरकार ने यह परंपरा आज तोड़ दी। आज पहली तारीख़ को वंदे मातरम् नहीं गाया गया! कांग्रेस शायद यह भूल गई है कि सरकारें आती है, जाती है लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है।
शिवराज ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मांग की है कि वंदे मातरम् का गान हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख़ को हमेशा की तरह वल्लभ भवन के प्रांगण में हो अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊँगा।