—-मानहड़ मे चल रही भदावर कुलदेवी मॉ मंशापूर्णा की स्थापना के दौरान चल रही देवी भागवत था—–
गोरमी-क्षेत्र के मानहड़ गॉव के भुमियॉ बाबा मन्दिर पर हो रही भदावर कुलदेवी मॉ मंशापूर्णा की स्थापना के दौरान चल रही देवी भागवत कथा के आज चौथेदिन कथा व्यास पं•बासुदेव शास्त्री ने संसार में मॉ की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि संसार दुःखो से भरा हुआ है यहॉ हर कदम मुशीवत है, ये मानव जीवन जरा, व्याधि और अकाल मृत्यु जैसे चक्र मे फसा हुआ है,इन सारी परेशानियों से यदि कोई बाहर निकाल सकता है तो हो है मॉ मंशापूर्णा
क्योंकि मॉ मंशापूर्णा सबके मन की जानने वाली है,सबको सुख और शान्ति देने बाली है, मॉ की महिमा अनंत है
रामचरितमानस मे स्वयं गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है कि, “देवी पूज पद कमल तुम्हारे, सुर नर मुनि सब होय सुखारे ”
अथार्थ हे देवी आपके चरण पूजने मातृ से ही देवता, मानव और श्रृषि सभी सुख पूर्वक रहते है अतः हम भी यदि अपने जीवन में सुख शान्ति चाहते हैं,तो हमे मॉ मंशापूर्णा की शरण मे आना चाहिए
मॉ सबके कष्टो का हरण करती,सबकी बिगड़ी वनाती है,इसी संसार मे जब जब पाप बड़ा है,तब तब मॉ ने विभिन्न अवतार लेकर दुष्टो का अंत कर धर्म की पूर्वस्थपना की है,
आज की इस पावन कथा श्रवण पारिक्षत अभिनेद्र सिंह महान्त मुनीम बापू, रिपुदमन सिहं, सतेन्द्र भदौरिया (लवली), मुकेश भदौरिया,छोटे भदौरिया,शिवप्रताप सिहं,राजपाल सिहं,ध्रुव सिह, कमल भदौरिया सहित सैकड़ो भक्तजनो ने लिया