मुरैना। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के दो ड्रीम प्रोजेक्ट थे। एक एबी रोड पर शहीद स्तंभ परिसर और उसके सामने अटल ऑडिटोरियम। ऑडिटोरियम जमीनी विवाद के कारण बन नहीं पाया और शहीद स्मारक के निर्माण में लापरवाही सामने खुलकर आ रही है। करीब डेढ़ साल पहले लोकार्पित शहीद स्मारक के स्वागत गेट, चबूतरों और बाउंड्रीवाल न केवल दरार दे रही हैं बल्कि टाइल्स उखडकऱ नीचे गिर रही हैं।
केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन और नरेंद्र सिंह तोमर ने 26 फरवरी 2018 को शहीद स्मारक का लोकार्पण कर दिया। लेकिन उसके कुछ समय बाद ही टाइल्स उखडऩे लगे। फर्श धंसकने लगा। अभी भी न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी वाले गेट के ठीक ऊपर बाहर की ओर बड़ा टाइल्स उखडकऱ लटक रहा है। अंदर की ओर टाइल्स पहले ही उखड़ चुके हैं। साइड में बने गार्डरूम से भी टाइल्स निकल रहे हैं। शहीद स्तंभ के सामने बने चबूतरों के पाए भी धंसक रहे हैं और टाइल्स दरार दे रहे हैं। शहीद स्तंभ के पीछे नवीन कलेक्ट्रेट भवन की ओर भी टाइल्स दरक रहे हैं और उखड़ रहे हैं।
चार करोड़ हुए हैं शहीद स्मारक पर खर्च
शहीद स्मारक पर चार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए हैं। इसमें साडा निर्माण एजेंसी थी। उसके अध्यक्ष और अधिकारी नियमित आकर मॉनीटरिंग करते रहे, लेकिन इसके बावजूद इस ऐतिहासिक निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर सवाल उठना गंभीर बात है।
इस स्थिति को हम मई माह में देख चुके हैं और इंजीनियर्स को निर्देश दिए थे कि इसे दुरुस्त कराया जाए। यदि ठेकेदार से अनुबंध के तहत कुछ बनता है तो वहां से कराएं वरना ननि में प्राक्कलन प्रस्तुत करें। इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया है, हम इसे दिखवाते हैं।
मूलचंद वर्मा, आयुक्त ननि
शहीद स्तंभ के ठीक पीछे बाउंड्रीवाल से उखड़ती टाइल्स।