दतिया। महिला के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाने व वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिला एवं बालिका हिंसा के विरुद्ध लड़ाई व सामाजिक भागीदारी में समाज व शासन के मध्य सेतु का कार्य करने में महती भूमिका अदा कर सकते हैं शौर्यादल। उक्त विचार महिला एवं बाल विकास विभाग दतिया द्वारा आयोजित एम एस अम्ब जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देशन में शौर्यादल प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक व स्रोत व्यक्ति रामजीशरण राय ने व्यक्त किए। श्री राय ने गर्भधारण पूर्व एवं प्रसूति पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994, बाल विवाह अधिनियम 2006, निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के कानूनी प्रावधानों के बारे में व्यापक जानकारी दी। उन्होंने प्रशिक्षण में उपस्थित प्रतिभागियों के प्रश्नों व जिज्ञासा का समाधान किया।
बाल संरक्षण अधिकारी धीरसिंह कुशवाहा ने बालश्रम अधिनियम 1986, किशोर न्याय अधिनियम 2015 एव कार्यस्थल पर यौन हिंसा अधिनियम 2013 की जानकारी देते हुए बाल मित्र समाज बनाने की बात कही। श्री कुशवाहा ने बताया कि बालश्रम व भिक्षाव्रत्ति पर कलेक्टर महोदय के निर्देशन में आगामी समय में जिले में प्रभावी अभियान चलाया जावेगा।
कार्यक्रम में सलमा कुरैशी प्रशासक वन स्टॉप सेंटर ने घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 की जानकारी दी। कार्यक्रम के संयोजक मनीष शर्मा ने शौर्यादल के उद्देश्य का कार्यों के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन आकाश श्रीवास्तव सामाजिक कार्यकर्ता आईसीपीएस ने की। प्रशिक्षण कार्यक्रम में आईसीपीएस स्टाफ यशदीप राजपूत, घनश्याम सिंह व अन्य के साथ ही शहर के शौर्यादल सदस्य उपस्थित रहे। उक्त जानकारी आईसीपीएस के मनीष शर्मा ने दी।