
दतिया। (रामजीशरण राय ब्यूरो चीफ, RB न्यूज इंडिया दतिया) कौमी सप्ताह अंतर्गत महिला दिवस जागरूकता कार्यशाला का आयोजन महिला दिवस थीम पर रेडक्राॅस भवन में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी रामजीशरण राय एवं विशिष्ट अतिथि शाहजहाॅ कुरैशी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन धीरसिंह कुशवाह, संरक्षण अधिकारी द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में उपस्थित प्रशासिका वन स्टाॅप सेन्टर श्रीमती सलमा कुरैशी ने महिला जागरूकता के लिये महिलाओं को कानून की जानकारी की होना आवश्यक बताया। कानून की जानकारी होने पर महिला सही रूप से जागरूक हो सकती है।
रामप्रसाद कोली मेंटर्स द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिये महिलाओं को आगे आने एवं बदलते परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये कहा कि वर्तमान युग में महिलाओं हेतु समाज कल्याण, राजनीति के क्षेत्र में असीम संभावनायें है। श्री कोली द्वारा रानी लक्ष्मीबाई की सहायिका झलकारीबाई पर गीत एवं कवितायें प्रस्तुत की। इसी क्रम में सुश्री शाहजहाॅ कुरैशी ने घरेलू हिंसा से महिलाओं को संरक्षण अधिनियम 2005, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के द्वारा महिलाओं को मिले सरंक्षण एवं अधिकार की जानकारी विस्तार पूर्वक दी।
कार्यक्रम में उपस्थित स्रोत व्यक्ति बालमित्र, सदस्य डीसीआरएफ रामजी शरण राय द्वारा पीसीपीएण्डडीटी एक्ट पर चर्चा करते हुये बताया कि प्रसव पूर्व गर्भ परीक्षण कराना कानूनन अपराध है यह न केवल आने वाले समाज के लिए घातक है बल्कि मानवता के खिलाफ है। अतः इस प्रकार से हो रहे अपराध के लिये हम सभी को तुरंत पुलिस को सूचित कर कार्यवाही करवाना चाहिए। उन्होने बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना की जानकारी उपस्थित आमजन को दी।
कार्यक्रम में उपस्थित बाल विकास परियोजना अधिकारी एस.के. निरंजन ने कौमी एकता सप्ताह अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम भारतीय समाज में महिलाओं का महत्व एवं राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका पर प्रकाश डालते हुये कहा कि आज के समाज को महिलाओं एवं बेटियों की उपलब्धि को देखते हुये संकीर्ण मानसिकता कोे त्यागना चाहिए बेटियाॅ घर चलाने से लेकर पढाई लिखाई, खेल कूद, अंतरिक्ष में जाने तक सक्षम है। फिर न जाने क्यों हमारे समाज में बेटियों को बोझ समझा जाता है। मैं सबसे जरूरी यह समझता हॅू कि बेटियों को जीवन चलाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनने के लिए आवश्यक शिक्षा दीक्षा व सहयोग देना चाहिए। जिससे बेटियों को बोझ समझने की मानसिकता से समाज को बाहर निकाला जा सकता है।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास अधिकारी महेन्द्र सिंह अम्ब सहित प्रभारी परियोजना अधिकारी प्रतिमा पाठक एवं समस्त सेक्टर पर्यवेक्षक सुश्री प्रेम बाई गुप्ता, ब्रजकिशोरी यादव, आकाश श्रीवास्तव, सामाजिक कार्यकर्ता, यशदीप सिंह, हेमन्त नामदेव, विकास गुप्ता, घनश्याम सिंह राजपूत महिला एवं बाल विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहें। उक्त जानकारी शाखा प्रभारी हेमन्त नामदेव ने दी।