4,6, दिन बाद 1 दिन बन जाता है मध्यान भोजन मासूम भटकते रहते हैं मध्यान भोजन के लिए
मुरैना—-शासकीय प्राथमिक विद्यालय पडावली में समूह संचालक की मनमानी के चलते मध्यान भोजन के लिए मासूम भटकते रहते हैं लेकिन चार छह दिन बाद एक दिन मध्यान भोजन बना दिया जाता है अन्य दिनों में रसोई घर का ताला ही नजर आता है इस बात की जानकारी जब शासकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रभारी हरवीर सिंह से ली गई तो उन्होंने बताया कि समूह संचालक पूर्व सरपंच मनीराम शर्मा को कई बार कहां गया कि मध्यान्ह भोजन बनवाओ लेकिन समूह संचालक अपनी मनमानी एवं दबंगई के चलते इधर से उधर निकाल देता है
लेकिन मध्यान भोजन संचालित नहीं करता है जब इस बात की जानकारी जन शिक्षक से ली गई तो जन शिक्षक ने बताया यह मेरे को प्रधानाध्यापक प्रभारी ने फोन किया था तो मैंने उनको बताया कि आप एक लिखित में हमको पत्र दें जिससे हम इस मध्यान भोजन का संचालन पीटीए की देखरेख में संचालित करवाएं इस प्रकार मध्यान भोजन से वंचित मासूम टकटकी लगाकर रसोईघर के ताले को ही निहारते रह रह कर रह जाते हैं यहां तक कि गुरुवार को जो चावल बनाए जाते हैं वह चावल कीड़े युक्त बनाए जाते हैं जिनमें भारी मात्रा में कीड़े पाए जाते हैं इससे स्पष्ट होता है कि राशन अधिक समय का रखा हुआ या सड़ा हुआ उपयोग में लाया जाता है जब इस प्रकार की चर्चा रसोईया से की गई तो रसोइयों ने बताया कि यही दिए जाते हैं कहने पर कहा जाता है कि जैसा हम दें वैसा आप बनाइए काफी साफ सफाई करने के बावजूद भी कीड़े रह जाते है इससे स्पष्ट होता है कि शासकीय प्राथमिक विद्यालय पडावली में समूह संचालक की मनमानी के चलते मासूम बच्चों के भविष्य के साथ एवं जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है अब देखना यह है कि क्या समूह संचालक की मनमानी इसी प्रकार चलती रहेगी या वरिष्ठ अधिकारी इस पर ध्यान देते हुए मासूमों के विषय में सोच कर कुछ उचित निर्णय भी ले पाएंगे या नहीं।
इनका कहना है कि,
हमारे द्वारा प्रधानाध्यापक प्रभारी हरवीर सिंह को कहा गया कि समूह संचालक को बोलिए अगर वह नहीं बनाता है तो लिखकर हमें पत्र दें हम पीटीए में मध्यान भोजन का संचालन करवाने के लिए अधिकारियों से बात करेंगे।
राजेस सिंह भदौरिया
जन शिक्षक जन शिक्षा केंद्र खरगूपुर घबराहट