मरीज तक ‘दिल’ पहुंचाने के लिए लिए रुकी दिल्ली की ट्रैफिक, 21 मिनट में पूरी हुई 18 किमी की दूरी
नई दिल्ली. पुणे (Pune) में दिमागी रूप से मृत एक व्यक्ति के हृदय को मंगलवार को हवाई मार्ग के जरिये दिल्ली लाया गया. इस दौरान एयरपोर्ट से 18 किलोमीटर लंबे रास्ते पर ‘ग्रीन कॉरिडोर’ के जरिए इसे अस्पताल पहुंचाया गया. दिमागी तौर (Mentally Died) पर मृत 47 वर्षीय व्यक्ति के द्वारा हृदय दान (Heart Donated) किया गया है. जिसे 34 साल की महिला रोगी में प्रत्यारोपित किया जाएगा. दिल्ली के एक निजी अस्पताल में यह होने जा रहा है. पुलिस ने बताया कि इसके लिए 18 किलोमीटर की दूरी 21 मिनट में तय की गई.
ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पहुंचाया गया ‘दिल’
अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हृदय को पुणे में दिमागी तौर पर मृत एक मरीज के शरीर से निकाला गया था और फिर हवाई मार्ग से दिल्ली लाया गया.
इस प्रत्यारोपण के लिए अंग को दिल्ली हवाई अड्डा से फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट तक ले जाने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था.’
ट्रैफिक पुलिस का मानवीय चेहरा इस दौरान दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (Delhi Police) का मानवीय चेहरा देखने को मिला. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से ओखला के फोर्टिस अस्पताल तक मानव के ‘दिल’ को पहुंचाने के लिए ‘ग्रीन कॉरिडोर’ (Green Corridor) बनाया गया. इस दौरान 18 किलोमीटर की दूरी को तय समय में पूरा किया गया. जिसके लिए दिल्ली पुलिस काफी तत्पर दिखी. इस तरह के मामलों में किसी भी तरह की देरी से बचने का प्रयास किया गया. वहीं, डॉक्टरों ने भी दिल्ली पुलिस के इस प्रयास की सराहना की है. माना जा रहा है इस तरह मानव अंग के प्रत्यारोपण में सुविधा होगी.
हर मिनट का रखा गया ध्यानसमाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में एसीपी (ट्रैफिक) विनयपाल एस तोमर ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया, “हमने मानव दिल को हवाई अड्डे से अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किया है, क्योंकि इन मामलों में हर मिनट मायने रखता है. इसके लिए बाहरी रिंग रोड का इस्तेमाल किया, ताकि एम्बुलेंस को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचने का रास्ता मिल सके.’
पुलिस के मदद की हुई प्रशंसा
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में डॉक्टर विशाल रस्तोगी ने दिल को हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए मिली मदद पर पुलिस की प्रशंसा की है. रस्तोगी का कहना है कि इस तरह से प्रत्यारोपण का मामला आगे बढ़ेगा. रस्तोगी ने कहा कि राष्ट्रीय संगठन और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) देश भर में दान किए गए अंगों को आवंटित करने के लिए सराहनीय काम कर रहा है.