लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस किसी ना किसी वजह से चर्चाओं में बनी रहती है। इस बार चर्चा का कारण लखनऊ पुलिस। दरअसल, लखनऊ के गोमतीनगर थाने की पुलिस एक केस के सिलसिले में जब्त कार को लखीमपुर खीरी ले गई। लेकिन पुलिस को यह गुमान नहीं रहा होगा कि इस कार में जीपीएस लगा है। अचानक कार बीच रास्ते में खड़ी हो गई और पुलिसकर्मी कार के अंदर कैद हो गए। मामला जब उच्चधिकारियों तक पहुंचा तो गोमतीनगर थाने के इस्पेक्टर प्रमेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, गोमतीनगर थाना क्षेत्र के मानस एन्क्लेव निवासी कारोबारी आदित्य श्रीवास्तव और उसके परिचित संजय सिंह के बीच कार खरीदने को लेकर मंगलवार रात को विवाद हुआ था।
आदित्य ने तीन साल पहले कार ली थी जिसे कुछ महीने पहले संजय को बेच दिया। दोनों के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था। बुधवार रात आदित्य अपने दोस्त अखंड सिंह की एसयूवी से गोमतीनगर स्थित एसआरएस मॉल के पास पहुंचा जहां संजय भी मौजूद था। आदित्य ने संजय से अपनी कार वापस ले ली। इसे लेकर दोनों पक्ष में फिर झगड़ा हुआ।
हंगामा होते देख एसआरएस चौकी प्रभारी उमेश कुमार सिंह दोनों पक्ष को कार समेत थाने ले आए। देर रात पंचायत के बाद दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया। लेकिन कार को पुलिस ने गोमतीनगर थाने में ही खड़ा कर लिया। अखंड का कहना है कि उसकी कार पिता राजेंद्र कुमार सिंह के नाम पर है। कार में जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है। बृहस्पतिवार सुबह उसने मोबाइल फोन पर कार का जीपीएस ट्रैकर ऑन किया तो चकरा गया। उसकी कार लखीमपुर में नजर आ रही थी। उसका कहना है कि उसे लगा कार थाने से चोरी हो गई है, इसलिए तुरंत इंजन लॉक कर दिया।
आधे घंटे गाड़ी में फंसे रहे पुलिस वाले
इससे पहले वह पुलिस को फोन करता, पुलिस अधिकारियों ने खुद उससे संपर्क किया और कार को सरकारी काम के सिलसिले में लखीमपुर भेजने की जानकारी दी। अधिकारियों ने उससे कार का इंजन अनलॉक करने को कहा। अधिकारियों के आग्रह पर अखंड ने कार को अनलॉक किया। इस दौरान आधे घंटे तक पुलिसकर्मी गाड़ी के अंदर फंसे रहे। शाम को यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय को गोमतीनगर पुलिस की इस कारस्तानी का पता चला तो वह भड़क उठे और इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया।