नई दिल्ली. पिछले साल के अंत में पीएमसी बैंक और अब यस बैंक को लेकर शुरू हुए संकट से आम लोगों को परेशानियां बढ़ गई है. लेकिन इस पूरे मामले पर सरकार और RBI ने एक्शन तेज कर दिया है. हालांकि, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मीडिया को मामले की जानकारी देते हुए कहा है कि हमने 30 दिनों के लिए यह लिमिट लगाई है. जल्द ही आरबीआई यस बैंक को संकट से निकालने के लिए तेजी से कार्रवाई करेगा. आरबीआई गवर्नर ने कहा, आपको बैंक को समय देना होगा, प्रबंधन द्वारा उठाए जाने वाले जरूरी कदम को उठाने की कोशिश करनी होगी और उन्होंने कोशिश की. जब हमने पाया कि यह कोशिश काम नहीं कर रहा तो आरबीआई ने हस्तक्षेप किया.चीफ इकोनॉमिक एडवाइज़र के के सुब्रमण्यम ने CNBC-TV18 से खास बातीच में कहा है कि सरकार और RBI उचित समाधान के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने यस बैंक पर सेंट्रल बैंक के मोरेटोरियम (एक महीने की अवधि में बैंक में कोई लेन-देन नहीं होगा और कस्टमर्स 50,000 से ज्यादा की रकम नहीं निकाल पाएंगे) के फैसले को सही ठहराया है.
सरकार का आगे क्या है प्लान- RBI सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबि, यस बैंक के लिए नई स्कीम पर RBI काम कर रहा है. आज शाम तक इसके तैयार होने की उम्मीद है. इसके बाद इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस स्कीम को लागू कर दिया जाएगा.
गुरुवार की रात को Yes Bank में हुआ क्या – RBI ने 5 मार्च को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए उस पर प्रशासक नियुक्त कर दिया है. इसके साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं पर पैसे निकालने की लिमिट भी तय कर दी.
RBI ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है. फिलहाल यह रोक 5 मार्च से 3 अप्रैल तक लगी रहेगी. बैंक का नियंत्रण SBI के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गई है.
आरबीआई ने देर शाम जारी बयान में कहा कि यस बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है.