
जमातियों के द्वारा सर्व प्रथम प्रशासनिक चेतावनी की अनदेखी करना, उसके बाद लॉक डाउन तोड़ना फिर जब पकड़े गए तव पुलिस पर थूकना चिकित्सा टीम के साथ अभद्र ब्यबहार करना ,खाने के नाम पर चिकन बिरयानी की डिमांड करना ,अस्पताल स्टाफ के साथ मारपीट नर्सो के साथ अश्लील हरकतें करना, जांच टीम के साथ मारपीट अब तो हद कर दी पुलिस अधीक्षक जैसे बरिष्ठ अधिकारी को घायल कर पुलिस चौकी पर हमला करना आंतरिक सुरक्षा को चुनोती दे रहे है उससे भी अधिक जिल्लत की बात कि पत्रकार इन मुद्दों को लेकर सवाल करे तो पत्रकारों को सीधे तौर पर धमकी देना सुरु कर दिया जो यह संकेत हैं कि यदि इस तरह के सामाजिक संगठन पर सख्त कार्यवाही नही की गई तो देश मे अराजकता फैलाने में ऐसे लोगों को देर नही लगेगी ।उससे भी बड़ी बात ये महामारी को फैलाने वाले संक्रमण को महामारी कीट की भूमिका निभा रहे है सरकार के प्रयत्नों को फेल करने की साजिश रचने वाले लोगों के विरुद्ध कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है अन्यथा पूरे देश को इसके घातक परिणाम झेलने पड़ेंगे ।अब जरूरत इस बात की है कि एक तरफ सरकार महामारी की जंग से लडे तो दूसरी ओर जमातियों की अवैधानिक ब्यबस्था से जंग करे।इन जमातियों ने देश में जो अराजकता की स्थित निर्मित की है उस पर कठोर कदम उठाने की जरूरत है।जय हिंद
शैलेश कुशवाह – बरिष्ट पत्रकार एवं समाजसेवी