परम पावन 33 करोड़ ऋषियों की धरती ‘ नैमिषारण्य में चल रही श्री मद भागवत कथा का हुआ समापन ।
कथा के समय नैमिषारण्य के नगर मंत्री ईशान त्रिवेदी की उपस्थिति
परम पूज्य महाराज जगदाचार्य श्री स्वामी उपेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज के परम पावन मुखारविंद से श्रोतागणों को प्राप्त हो रहे आशीर्वचन
2 दिसंबर 2020 से हुआ था कथा का शुभारंभ
कथा के पश्चात आरती में सम्मिलित हुए सभी आचार्य व श्रोताजन
सभी श्रोताजनो ने किया श्रीमद्भागवत कथा रूपी अमृत का पान
संवाद सूत्र – नैमिषारण्य
ईशान त्रिवेदी
2 दिसंबर से परम पावन नैमिषारण्य धाम में कलश यात्रा के बाद से चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवे दिन कथा व्यास परम पूज्य जगदाचार्य श्री उपेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज के पवन मुखारबिंद से सुदामा चरित्र, बृज की होली , शुकदेव विदाई तथा कथा के समापन के समय शिव जी के विवाह की कथा का वर्णन हुआ । मंगलवार को भी यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने पहुंचे।
कथा सुनाते हुए परम पूज्य महाराज श्री ने भगवान श्री कृष्ण के प्रिय मित्र सुदामा से भेंट का वर्णन किया और सुदामा के चरित्र का बखान किया। अंतिम दिन की कथा का बखान करते महाराज जी ने अपने आशीर्वचनों से श्रोतागणो के जीवन को धन्य किया तथा शुकदेव की विदाई की कथा सुनाकर श्रद्धालुओं को निहाल किया । जगदाचार्य महाराज जी ने कहा कि हमेशा धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए,कर्म करो लेकिन, फल की इच्छा मत करो। भगवान हमेशा सच्चे भक्तों में ही वास करते है। उनके बताये सच्चाई के रास्ते पर चलने वाला भक्त जीवन में कभी हार का मुंह नही देखता।
कथा के आयोजक श्री प्रेम शंकर पाण्डेय माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच के विद्वान अधिवक्ता परिवार सहित नगर के बड़ी संख्या में श्रृद्धालु कथा को श्रवण करने पहुंचे । कथा समापन के समय मानस भैया, नैमिषारण्य के नगर मंत्री ईशान त्रिवेदी , श्रोता धीरेन्द्र कुमार जी , प्राचार्य हरिओम शुक्ला , कथा व्यास हनुमान शरण जी ,आचार्य राजेश जी , राम स्वरूप जी, अनुराग मिश्रा जी , हृदयेश शुक्ला , शिवम पाण्डेय आदि आचार्यगण उपस्थित रहे ।